रोमियो एंड जूलियट - विलियम शेक्सपियर की अमर प्रेम कहानी
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विलियम शेक्सपियर का 'रोमियो एंड जूलियट' विश्व साहित्य की सबसे प्रसिद्ध प्रेम कहानियों में से एक है। यह ट्रेजडी नाटक दो युवा प्रेमियों की कहानी कहता है जिनका प्रेम उनके परिवारों के बीच चली आ रही दुश्मनी की भेंट चढ़ जाता है। 1597 के आसपास लिखा गया यह नाटक आज भी प्रासंगिक है और दुनिया भर में मंचित किया जाता है।
रोमियो एंड जूलियट की कहानी (सारांश)
नाटक की कहानी इटली के वेरोना शहर में शुरू होती है जहां मोंटेग्यू और कैपुलेट दो प्रतिष्ठित परिवारों के बीच गहरी दुश्मनी चली आ रही है। कैपुलेट परिवार में एक भव्य पार्टी का आयोजन किया जाता है जहां मोंटेग्यू परिवार का युवक रोमियो घुसपैठ करता है। वहां उसकी मुलाकात कैपुलेट की बेटी जूलियट से होती है और दोनों एक दूसरे के प्रेम में पड़ जाते हैं।
दोनों गुप्त रूप से शादी कर लेते हैं, लेकिन जल्द ही रोमियो को जूलियट के चचेरे भाई टाइबाल्ट को मारने के बाद वेरोना से निर्वासित कर दिया जाता है। इस बीच, जूलियट के माता-पिता उसकी शादी काउंट पेरिस से तय कर देते हैं। फ्रायर लॉरेंस जूलियट को एक योजना सुझाते हैं - एक ऐसी दवा पीने की जो उसे 42 घंटे के लिए मृत जैसी निद्रा में डाल देगी।
नाटक का ट्रेजिक अंत
जूलियट योजना के अनुसार दवा पी लेती है और सभी उसे मृत मान लेते हैं। लेकिन रोमियो तक यह संदेश नहीं पहुंच पाता कि जूलियट की मौत नकली है। वह जूलियट की कब्र पर पहुंचता है और विष पीकर आत्महत्या कर लेता है। जब जूलियट की नींद खुलती है और वह मृत रोमियो को देखती है तो वह रोमियो की खंजर से खुद को मार लेती है। दोनों परिवारों को इस दुखद घटना के बाद अपनी गलतियों का एहसास होता है और वे आपसी दुश्मनी भुलाकर सुलह कर लेते हैं।
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मुख्य पात्रों का विश्लेषण
रोमियो मोंटेग्यू
रोमियो नाटक का नायक है जो शुरू में रोजलाइन नामक युवती के प्रेम में पड़ा होता है। वह भावुक, आदर्शवादी और जल्दबाज़ है। जूलियट से मिलने के बाद उसका प्रेम गहरा और परिपक्व हो जाता है। रोमियो की भावनात्मक तीव्रता और आवेगशीलता अंततः उसकी त्रासदी का कारण बनती है।
जूलियट कैपुलेट
मात्र 13 वर्षीय जूलियट नाटक की नायिका है जो शुरू में बचकानी और आज्ञाकारी होती है लेकिन रोमियो से प्रेम करने के बाद असाधारण साहस और परिपक्वता दिखाती है। वह परंपराओं को चुनौती देती है और अपने प्रेम के लिए सब कुछ त्यागने को तैयार हो जाती है। उसका चरित्र विकास नाटक के सबसे शक्तिशाली पहलुओं में से एक है।
रोमियो एंड जूलियट के प्रमुख विषय
प्रेम की शक्ति
नाटक में प्रेम को एक ऐसी शक्ति के रूप में चित्रित किया गया है जो सामाजिक बंधनों और पारिवारिक दुश्मनियों को तोड़ सकती है। रोमियो और जूलियट का प्रेम तीव्र, निस्वार्थ और परिवर्तनकारी है। शेक्सपियर दिखाते हैं कि कैसे प्रेम व्यक्तियों को रातों-रात परिपक्व बना देता है।
पारिवारिक संघर्ष
मोंटेग्यू और कैपुलेट परिवारों के बीच की दुश्मनी नाटक की मुख्य समस्या है। शेक्सपियर दिखाते हैं कि कैसे अकारण पारिवारिक विवाद निर्दोष युवाओं के जीवन बर्बाद कर देते हैं। अंत में दोनों परिवारों को अपनी गलती का एहसास होता है लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
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रोमियो एंड जूलियट के प्रसिद्ध उद्धरण
शेक्सपियर के इस नाटक में कई ऐसे उद्धरण हैं जो सदियों से लोगों के दिलों में गूंजते रहे हैं:
- "ओ रोमियो, रोमियो! तुम क्यों हो रोमियो? अपना नाम त्याग दो, या फिर यदि तुम नहीं चाहते, तो बस मेरी प्रेमिका बनने की शपथ लो और मैं फिर कभी कैपुलेट नहीं रहूंगी।"
- "प्रेम हल्की चीजों से भारी होता है, हवा की तरह हल्का होता है, धुएं की तरह हल्का होता है, फिर भी यह उतना ही उग्र होता है।"
- "अलविदा! अलविदा! विदाई हमेशा इतनी मीठी दुखभरी होती है कि मैं तुम्हें रात भर अलविदा कहती रहूंगी सुबह तक।"
रोमियो एंड जूलियट का सांस्कृतिक प्रभाव
400 साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी यह नाटक विश्व संस्कृति पर गहरा प्रभाव डालता आया है। इसकी कहानी ने कई फिल्मों, नाटकों, उपन्यासों और संगीत कार्यों को प्रेरित किया है। 'रोमियो एंड जूलियट' की कहानी ने पश्चिमी साहित्य में 'स्टार-क्रॉस्ड लवर्स' (दुर्भाग्यशाली प्रेमी) की अवधारणा को स्थापित किया।
आधुनिक समय में प्रासंगिकता
आज भी यह नाटक इसलिए प्रासंगिक है क्योंकि यह उन सामाजिक बंधनों और पूर्वाग्रहों की पड़ताल करता है जो प्रेम के मार्ग में बाधा बनते हैं। जाति, धर्म, वर्ग या राष्ट्रीयता के आधार पर विभाजित समाजों में रोमियो-जूलियट की कहानी बार-बार दोहराई जाती है।
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नाटक की साहित्यिक विशेषताएं
भाषा और शैली
शेक्सपियर ने इस नाटक में काव्यात्मक भाषा का प्रयोग किया है। रोमियो और जूलियट के संवाद अक्सर सॉनेट (14 पंक्तियों की कविता) के रूप में होते हैं। नाटक में द्वंद्व, रूपक और प्रतीकों का सुंदर प्रयोग हुआ है। प्रकाश-अंधकार, दिन-रात जैसे प्रतीकों का बार-बार प्रयोग किया गया है।
नाटकीय संरचना
नाटक पांच अंकों में विभाजित है और शेक्सपियर की अन्य ट्रेजेडी की तरह इसमें भी नायक का पतन दिखाया गया है। नाटक में कॉमिक राहत के लिए मर्क्युटियो और नर्स जैसे पात्रों को शामिल किया गया है। शेक्सपियर ने नियति (फेट) की भूमिका पर भी जोर दिया है - कई घटनाएं ऐसी हैं जो संयोग से घटित होती हैं और त्रासदी को अवश्यंभावी बना देती हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
रोमियो एंड जूलियट की कहानी वास्तविक है या काल्पनिक?
रोमियो एंड जूलियट की कहानी काल्पनिक है, हालांकि शेक्सपियर ने इसे पुरानी लोककथाओं और कवि आर्थर ब्रूक की कविता 'द ट्रेजिकल हिस्ट्री ऑफ रोमियस एंड जूलियट' (1562) से प्रेरणा ली थी। इटली के वेरोना शहर में आज भी 'जूलियट का घर' और 'जूलियट की कब्र' पर्यटक आकर्षण हैं, हालांकि ये ऐतिहासिक नहीं हैं।
रोमियो और जूलियट की उम्र क्या थी?
नाटक में जूलियट की उम्र सिर्फ 13 वर्ष बताई गई है, जबकि रोमियो की सही उम्र का उल्लेख नहीं है लेकिन विद्वानों का मानना है कि वह लगभग 16-17 वर्ष का होगा। एलिजाबेथन युग में यह विवाह के लिए सामान्य उम्र थी।
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रोमियो एंड जूलियट नाटक कितने समय में घटित होता है?
नाटक की घटनाएं बहुत तेजी से घटित होती हैं। रोमियो और जूलियट की पहली मुलाकात से लेकर उनकी मृत्यु तक सिर्फ 4-5 दिन का समय लगता है। यह तेज गति नाटक की त्रासदी को और भी अधिक मार्मिक बना देती है।
रोमियो एंड जूलियट को ट्रेजडी क्यों माना जाता है?
इसे ट्रेजडी इसलिए माना जाता है क्योंकि नाटक के नायक-नायिका (रोमियो और जूलियट) का अंत दुखद होता है। शेक्सपियर की ट्रेजेडी की परिभाषा के अनुसार, नायक का पतन उसके अपने चरित्र दोष (यहां आवेगशीलता और जल्दबाजी) और नियति के संयोग से होता है। हालांकि उनकी मृत्यु दोनों परिवारों को सुलह का मार्ग दिखाती है, इसलिए इसमें आशा का संदेश भी निहित है।
निष्कर्ष
विलियम शेक्सपियर का 'रोमियो एंड जूलियट' सिर्फ एक प्रेम कहानी नहीं बल्कि मानवीय भावनाओं, सामाजिक बंधनों और नियति की शक्ति पर एक गहन चिंतन है। यह नाटक हमें सिखाता है कि कैसे अकारण घृणा और हठधर्मिता मानव जीवन को नष्ट कर सकती है। रोमियो और जूलियट की कहानी आज भी करोड़ों लोगों के दिलों में धड़कती है क्योंकि प्रेम और बलिदान की यह गाथा कालजयी है।
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