WHO की नई सिफारिशें: महिला जननांग विकृति (FGM) के "चिकित्साकरण" को रोकने और पीड़ितों की सहायता
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में महिला जननांग विकृति (Female Genital Mutilation - FGM) के बढ़ते "चिकित्साकरण" (medicalization) पर चिंता जताते हुए नई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ये सिफारिशें स्वास्थ्य कर्मियों, नीति निर्माताओं और समुदायों को FGM की रोकथाम और पीड़ितों की सहायता के लिए व्यापक मार्गदर्शन प्रदान करती हैं।
FGM के चिकित्साकरण की बढ़ती प्रवृत्ति
WHO के अनुसार, पिछले दशक में FGM के "चिकित्साकरण" में चिंताजनक वृद्धि हुई है। यह प्रवृत्ति स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा असुरक्षित और गैर-चिकित्सीय प्रथाओं को "सुरक्षित" चिकित्सा प्रक्रियाओं के रूप में प्रस्तुत करने से संबंधित है।
चिकित्साकरण के मुख्य रूप
- चिकित्सा परिसरों में FGM प्रक्रियाओं का संचालन
- चिकित्सा पेशेवरों द्वारा FGM को "स्वच्छ" या "कम हानिकारक" बताना
- FGM को सांस्कृतिक या धार्मिक आवश्यकता के बजाय चिकित्सीय आवश्यकता के रूप में प्रस्तुत करना
- चिकित्सा पेशेवरों द्वारा FGM के विभिन्न रूपों को "कम हानिकारक" विकल्पों के रूप में प्रस्तुत करना
WHO के अनुसार, FGM का कोई भी रूप - चाहे वह चिकित्सा परिसर में ही क्यों न किया जाए - मानवाधिकारों का उल्लंघन है और महिलाओं व लड़कियों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम पैदा करता है।
WHO की प्रमुख सिफारिशें
WHO ने FGM की रोकथाम और पीड़ितों की सहायता के लिए निम्नलिखित प्रमुख सिफारिशें जारी की हैं:
1. FGM के सभी रूपों की निंदा
सभी देशों से FGM के सभी रूपों - चाहे वह पारंपरिक हो या चिकित्सीय - की स्पष्ट रूप से निंदा करने और इसे किसी भी परिस्थिति में स्वीकार न करने का आग्रह किया गया है।
2. चिकित्सा पेशेवरों की भूमिका
- चिकित्सा पेशेवरों को किसी भी परिस्थिति में FGM नहीं करना चाहिए
- FGM को बढ़ावा देने या इसकी वकालत करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए
- चिकित्सा पाठ्यक्रमों में FGM के हानिकारक प्रभावों और नैतिक मुद्दों को शामिल किया जाना चाहिए
3. कानूनी ढांचे को मजबूत करना
देशों से FGM पर प्रतिबंध लगाने वाले कानूनों को लागू करने और चिकित्सा पेशेवरों द्वारा FGM करने पर विशेष प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया गया है।
FGM पीड़ितों की सहायता के लिए दिशा-निर्देश
WHO ने FGM से पीड़ित महिलाओं और लड़कियों की सहायता के लिए विस्तृत नैदानिक दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं:
1. शारीरिक स्वास्थ्य सहायता
- त्वचित्ता (deinfibulation) सर्जरी की पहुँच बढ़ाना
- मूत्र संबंधी और मासिक धर्म संबंधी समस्याओं का प्रबंधन
- प्रसव पूर्व और प्रसवोत्तर देखभाल में विशेष सहायता
- दर्द प्रबंधन और संक्रमण नियंत्रण
2. मानसिक स्वास्थ्य सहायता
- आघात-सूचित देखभाल (trauma-informed care) प्रदान करना
- मनोवैज्ञानिक परामर्श और समर्थन समूहों तक पहुँच
- यौन स्वास्थ्य परामर्श और शिक्षा
3. सामुदायिक सहायता और शिक्षा
- FGM के Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। किसी भी उपचार से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें। Sehat Ka Tadka
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