सर्दी-जुकाम में हल्दी वाला दूध: आयुर्वेद का रामबाण उपचार
विज्ञापन
हल्दी वाले दूध का महत्व
भारतीय घरों में सदियों से हल्दी वाले दूध को "गोल्डन मिल्क" के नाम से जाना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, यह न केवल सर्दी-जुकाम बल्कि 100 से अधिक रोगों में लाभकारी है। एक शोध के अनुसार, हल्दी में मौजूद करक्यूमिन सर्दी के लक्षणों को 40% तक कम कर सकता है।
विज्ञापन
हल्दी वाला दूध बनाने की विधि
सामग्री:
- 1 गिलास गाय का दूध (250 ml)
- 1/4 चम्मच हल्दी पाउडर
- 1 चुटकी काली मिर्च (वैकल्पिक)
- 1/2 चम्मच घी (वैकल्पिक)
- 1 चम्मच शहद (दूध ठंडा होने पर)
बनाने का तरीका:
- एक बर्तन में दूध गर्म करें
- उबाल आने पर हल्दी और काली मिर्च डालें
- 2-3 मिनट धीमी आंच पर पकाएं
- गैस बंद करके घी मिलाएं
- थोड़ा ठंडा होने पर शहद मिलाएं
सेवन विधि: रात को सोने से पहले गर्म-गर्म पिएं
सर्दी-जुकाम में 21 प्रमुख लाभ
1. गले की खराश दूर करे
हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गले की सूजन कम करते हैं।
2. खांसी में आराम
कफ को पतला करके बाहर निकालने में मदद करता है।
3. नाक की जकड़न कम करे
भाप के साथ लेने पर नाक के मार्ग खुलते हैं।
विज्ञापन
वैज्ञानिक शोध और प्रमाण
जर्नल ऑफ क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी (2019) के एक अध्ययन में पाया गया कि हल्दी वाला दूध:
- श्वसन संक्रमण की अवधि 2 दिन कम करता है
- रोग प्रतिरोधक क्षमता 35% बढ़ाता है
- वायरल लोड 60% तक कम करता है
सावधानियाँ और दुष्प्रभाव
हालांकि हल्दी वाला दूध सुरक्षित है, लेकिन कुछ स्थितियों में सावधानी बरतें:
- गर्भावस्था में अधिक मात्रा न लें
- पित्त प्रकृति वालों को कम मात्रा में लेना चाहिए
- रक्त पतला करने की दवा ले रहे हैं तो डॉक्टर से सलाह लें
संबंधित लेख
संदर्भ
विज्ञापन
Disclaimer: This article is for informational purposes only. Always consult a qualified doctor before making medical decisions.
कोई टिप्पणी नहीं :
एक टिप्पणी भेजें