इंटरमिटेंट फास्टिंग और कीटो डाइट के लाभ और हानियाँ
आधुनिक समय में वजन प्रबंधन और बेहतर स्वास्थ्य के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग (IF) और कीटोजेनिक डाइट (Keto) दोनों ही बेहद लोकप्रिय हो चुके हैं। पर क्या ये सच में फायदेमंद हैं? आइए विस्तार से जानते हैं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है?
इंटरमिटेंट फास्टिंग (IF) एक ईटिंग पैटर्न है जिसमें उपवास (फास्टिंग) और खाने (ईटिंग) के समय को निश्चित अंतराल पर बांटा जाता है। यह कोई डाइट प्लान नहीं, बल्कि एक समय-आधारित खाने की रणनीति है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रमुख प्रकार
- 16/8 मेथड: 16 घंटे का फास्ट और 8 घंटे की ईटिंग विंडो
- 5:2 डाइट: सप्ताह में 5 दिन सामान्य खाना और 2 दिन कैलोरी रिस्ट्रिक्शन (500-600 कैलोरी)
- ईट-स्टॉप-ईट: सप्ताह में 1-2 दिन 24 घंटे का फास्ट
इंटरमिटेंट फास्टिंग के लाभ
1. वजन घटाने में सहायक
IF शरीर में इंसुलिन लेवल को कम करता है और नोरएड्रेनालाईन जैसे फैट-बर्निंग हॉर्मोन्स को बढ़ाता है, जिससे मेटाबॉलिज्म 3.6-14% तक बढ़ सकता है (स्रोत).
2. इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार
IF इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम कर टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को घटाता है। एक अध्ययन में IF ने ब्लड शुगर को 3-6% और फास्टिंग इंसुलिन को 20-31% तक कम किया (स्रोत).
3. हृदय स्वास्थ्य में सुधार
IF "बैड" LDL कोलेस्ट्रॉल, ब्लड ट्राइग्लिसराइड्स, इंफ्लेमेशन मार्कर्स और ब्लड शुगर लेवल को कम कर हृदय रोग के जोखिम को घटाता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के संभावित नुकसान
1. भूख और थकान
शुरुआत में भूख, कमजोरी, सिरदर्द और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएँ आम हैं जो समय के साथ कम हो सकती हैं।
2. पोषक तत्वों की कमी
अगर डाइट प्लान सही न हो तो विटामिन, मिनरल्स और प्रोटीन की कमी हो सकती है।
3. महिलाओं के लिए जोखिम
कुछ अध्ययनों में IF से महिलाओं में फर्टिलिटी इश्यूज, अनियमित पीरियड्स और हॉर्मोनल असंतुलन देखा गया है (स्रोत).
कीटोजेनिक डाइट (Keto Diet) क्या है?
कीटो डाइट एक हाई-फैट, मॉडरेट-प्रोटीन और लो-कार्ब (<50g/दिन) डाइट है जो शरीर को ग्लूकोज के बजाय फैट को प्राथमिक ऊर्जा स्रोत (कीटोसिस) के रूप में उपयोग करने के लिए प्रेरित करती है।
कीटो डाइट के प्रमुख खाद्य समूह
- हरी पत्तेदार सब्जियाँ: पालक, केल, ब्रोकली
- हेल्दी फैट्स: एवोकाडो, नारियल तेल, घी, जैतून का तेल
- प्रोटीन स्रोत: अंडे, मछली, ग्रास-फेड मीट
कीटो डाइट के लाभ
1. तेजी से वजन घटाने में मदद
कीटो डाइट शरीर के स्टोर्ड फैट को तोड़कर कीटोन बॉडीज बनाती है, जिससे तेजी से वजन कम होता है। एक अध्ययन में कीटो डाइट पर लोगों ने लो-फैट डाइट की तुलना में 2.2 गुना अधिक वजन कम किया (स्रोत).
2. मधुमेह नियंत्रण
कीटो डाइट इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बनाकर टाइप 2 डायबिटीज मैनेजमेंट में मदद कर सकती है।
3. मानसिक स्पष्टता और ऊर्जा में वृद्धि
कीटोन्स मस्तिष्क के लिए अधिक कुशल ईंधन स्रोत हैं, जिससे मानसिक फोकस और ऊर्जा स्तर बढ़ सकते हैं।
कीटो डाइट के संभावित नुकसान
1. कीटो फ्लू
शुरुआती दिनों में सिरदर्द, थकान, मतली और मानसिक कोहरा (ब्रेन फॉग) जैसे लक्षण हो सकते हैं।
2. पोषक तत्वों की कमी
फलों, साबुत अनाज और कुछ सब्जियों की कमी से विटामिन और मिनरल डेफिशिएंसी हो सकती है।
3. लंबे समय तक स्थिरता की चुनौती
कीटो डाइट को लंबे समय तक बनाए रखना मुश्किल हो सकता है और कार्ब्स की वापसी से वजन फिर से बढ़ सकता है।
IF और कीटो डाइट का संयोजन
कई लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग और कीटो डाइट को कॉम्बिन करते हैं। यह संयोजन कीटोसिस को तेजी से प्राप्त करने और फैट बर्निंग को अधिकतम करने में मदद कर सकता है।
संयोजन के लिए टिप्स
- धीरे-धीरे शुरू करें – पहले कीटो एडाप्टेशन होने दें
- हाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट्स पर ध्यान दें
- नट्स, एवोकाडो और हेल्दी फैट्स से भरपूर भोजन लें
सावधानियाँ और विशेषज्ञ सलाह
IF या कीटो डाइट शुरू करने से पहले यह जानना जरूरी है कि ये सभी के लिए उपयुक्त नहीं हैं:
इन्हें न करें IF/कीटो:
- गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाएँ
- टाइप 1 डायबिटीज के मरीज
- इटिंग डिसऑर्डर हिस्ट्री वाले लोग
- किडनी या लिवर रोग से पीड़ित व्यक्ति
किसी भी नए डाइट प्लान को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह अवश्य लें।
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