डिहाइड्रेशन (Dehydration) - सम्पूर्ण मार्गदर्शिका
शरीर में पानी की कमी से होने वाली समस्याओं और उनके समाधान की विस्तृत जानकारी
डिहाइड्रेशन क्या है?
डिहाइड्रेशन (Dehydration) एक ऐसी स्थिति है जब शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स (सोडियम, पोटैशियम आदि) की मात्रा सामान्य से कम हो जाती है। यह तब होता है जब हमारे शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ (पसीना, मूत्र, सांस आदि) की मात्रा, हमारे द्वारा ग्रहण किए गए तरल पदार्थों से अधिक हो जाती है।
मानव शरीर लगभग 60% पानी से बना है। जब इस पानी का स्तर 1-2% तक कम हो जाता है, तो डिहाइड्रेशन के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
डिहाइड्रेशन के प्रकार
डिहाइड्रेशन मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है:
- हाइपोटोनिक डिहाइड्रेशन - इसमें सोडियम की कमी हो जाती है
- हाइपरटोनिक डिहाइड्रेशन - इसमें पानी की कमी होती है
- आइसोटोनिक डिहाइड्रेशन - इसमें पानी और सोडियम दोनों की समान रूप से कमी होती है
डिहाइड्रेशन के कारण
डिहाइड्रेशन के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
1. पर्याप्त पानी न पीना
अधिकांश लोग दिन भर में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते। व्यस्त दिनचर्या के कारण अक्सर लोग प्यास लगने पर भी पानी नहीं पीते जिससे धीरे-धीरे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है।
2. अत्यधिक पसीना आना
गर्मी के मौसम में, व्यायाम करते समय या फिर कड़ी मेहनत वाले काम करने पर अधिक पसीना आता है जिससे शरीर से तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स निकल जाते हैं।
3. दस्त और उल्टी
अगर किसी को लंबे समय तक दस्त या उल्टी हो रही हो तो शरीर से बड़ी मात्रा में तरल पदार्थ निकल जाता है जिससे डिहाइड्रेशन हो सकता है।
4. बुखार
तेज बुखार होने पर भी शरीर से अधिक मात्रा में पानी निकलता है जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है।
5. मधुमेह (Diabetes)
मधुमेह के रोगियों में बार-बार पेशाब आने की समस्या होती है जिससे शरीर से अधिक मात्रा में पानी निकल जाता है।
6. अत्यधिक शराब का सेवन
शराब मूत्रवर्धक (Diuretic) होती है जिसके कारण शरीर से अधिक मात्रा में पानी निकल जाता है।
7. कुछ विशेष दवाएं
मूत्रवर्धक दवाएं (Diuretics), रक्तचाप की दवाएं और कुछ एंटीहिस्टामाइन दवाएं भी डिहाइड्रेशन का कारण बन सकती हैं।
डिहाइड्रेशन के लक्षण
डिहाइड्रेशन के लक्षण इसकी गंभीरता के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। यहाँ हम विभिन्न स्तरों के डिहाइड्रेशन के लक्षणों के बारे में जानेंगे:
हल्के डिहाइड्रेशन के लक्षण
- प्यास लगना
- मुँह सूखना
- थकान महसूस होना
- सिरदर्द
- चक्कर आना
- कम मूत्र आना और मूत्र का रंग गहरा पीला होना
मध्यम डिहाइड्रेशन के लक्षण
- बहुत अधिक प्यास लगना
- मुँह और जीभ का बहुत सूखना
- त्वचा का रूखा और ढीला होना
- आँखों का धंसना
- मूत्र न आना या बहुत कम आना
- हृदय गति का तेज होना
- सांस तेज चलना
गंभीर डिहाइड्रेशन के लक्षण
- बेहोशी आना
- भ्रम की स्थिति
- रक्तचाप का बहुत कम होना
- हृदय गति का बहुत तेज होना
- शरीर का तापमान बढ़ना (हीट स्ट्रोक)
- गुर्दे (Kidneys) का काम करना बंद कर देना
- कोमा में चले जाना
नोट: शिशुओं और बुजुर्गों में डिहाइड्रेशन के लक्षण अलग हो सकते हैं। शिशुओं में रोने पर आँसू न आना, डायपर का 3 घंटे से अधिक समय तक सूखा रहना और सुस्ती जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
डिहाइड्रेशन से होने वाली समस्याएँ
यदि डिहाइड्रेशन का समय पर इलाज न किया जाए तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा कर सकता है:
1. हीट इंजरी (Heat Injury)
अत्यधिक डिहाइड्रेशन से हीट क्रैम्प्स, हीट एक्जॉशन और हीट स्ट्रोक जैसी समस्याएँ हो सकती हैं जो जानलेवा भी हो सकती हैं।
2. मूत्र और गुर्दे की समस्याएँ
लंबे समय तक डिहाइड्रेशन रहने से मूत्र मार्ग में संक्रमण (UTI), गुर्दे की पथरी और यहाँ तक कि गुर्दे फेल (Kidney Failure) भी हो सकते हैं।
3. दौरे (Seizures)
इलेक्ट्रोलाइट्स (सोडियम, पोटैशियम) की असंतुलन के कारण मांसपेशियों में ऐंठन और दौरे पड़ सकते हैं।
4. हाइपोवोलेमिक शॉक (Hypovolemic Shock)
यह एक जानलेवा स्थिति है जिसमें रक्त की मात्रा इतनी कम हो जाती है कि शरीर के अंगों तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुँच पाती।
5. मस्तिष्क की सूजन (Brain Swelling)
कभी-कभी जब व्यक्ति बहुत अधिक डिहाइड्रेटेड होने के बाद अचानक बहुत सारा पानी पी लेता है तो शरीर की कोशिकाएँ (विशेषकर मस्तिष्क की) फूल जाती हैं जिससे गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं।
डिहाइड्रेशन का इलाज
डिहाइड्रेशन का इलाज इसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। यहाँ हम विभिन्न स्तर के डिहाइड्रेशन के उपचार के बारे में जानेंगे:
हल्के डिहाइड्रेशन का इलाज
- धीरे-धीरे पानी पिएँ
- ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट (ORS) का घोल पिएँ
- नारियल पानी या ताजे फलों का रस पिएँ
- कैफीन और अल्कोहल से बचें
- ठंडे स्थान पर आराम करें
मध्यम से गंभीर डिहाइड्रेशन का इलाज
- तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें
- अस्पताल में इंट्रावेनस (IV) फ्लूइड दिया जा सकता है
- रक्तचाप और हृदय गति की निगरानी की जाती है
- इलेक्ट्रोलाइट्स की जाँच की जाती है
- अंतर्निहित कारण (जैसे संक्रमण) का इलाज किया जाता है
उम्र समूह | पानी की दैनिक आवश्यकता | डिहाइड्रेशन के लक्षण |
---|---|---|
शिशु (0-6 महीने) | माँ का दूध/फॉर्मूला दूध पर्याप्त | रोने पर आँसू न आना, सुस्ती, डायपर का सूखा रहना |
बच्चे (1-3 वर्ष) | 4-5 कप (1-1.3 लीटर) | चिड़चिड़ापन, आँखों का धंसना, तेज प्यास |
बच्चे (4-8 वर्ष) | 5-6 कप (1.2-1.5 लीटर) | मुँह सूखना, कम पेशाब आना, थकान |
किशोर (9-13 वर्ष) | 7-8 कप (1.7-2 लीटर) | सिरदर्द, चक्कर आना, त्वचा का रूखापन |
वयस्क | 8-10 कप (2-2.5 लीटर) | गहरा पीला मूत्र, भ्रम, हृदय गति तेज |
गर्भवती/स्तनपान कराने वाली महिलाएँ | 10-12 कप (2.5-3 लीटर) | बेहोशी, बहुत कम मूत्र, रक्तचाप कम |
डिहाइड्रेशन से बचाव के उपाय
डिहाइड्रेशन से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
1. पर्याप्त मात्रा में पानी पिएँ
एक स्वस्थ वयस्क को प्रतिदिन कम से कम 8-10 गिलास (2-2.5 लीटर) पानी पीना चाहिए। गर्मी या व्यायाम के दौरान इस मात्रा को बढ़ा देना चाहिए।
2. पानी की मात्रा बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ खाएँ
तरबूज, खीरा, संतरा, स्ट्रॉबेरी, दही, सूप आदि में पानी की मात्रा अधिक होती है जो शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करते हैं।
3. कैफीन और अल्कोहल का सेवन सीमित करें
कॉफी, चाय, कोला और अल्कोहल मूत्रवर्धक होते हैं जो शरीर से पानी निकाल देते हैं। इनका सेवन सीमित मात्रा में ही करें और हर कप के बाद एक गिलास पानी पिएँ।
4. गर्मी और धूप से बचें
दिन के सबसे गर्म समय (10 बजे सुबह से 4 बजे शाम तक) में धूप में निकलने से बचें। अगर निकलना जरूरी हो तो हल्के रंग के ढीले कपड़े पहनें और सिर को ढक कर रखें।
5. व्यायाम के दौरान सावधानी बरतें
व्यायाम से पहले, दौरान और बाद में पानी पिएँ। हर 15-20 मिनट में कुछ घूँट पानी पीते रहें।
6. बीमार होने पर विशेष ध्यान दें
बुखार, दस्त या उल्टी होने पर अतिरिक्त तरल पदार्थ लें। ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट (ORS) का घोल पिएँ।
7. मूत्र के रंग पर नजर रखें
मूत्र का रंग हल्का पीला या साफ होना चाहिए। गहरा पीला मूत्र डिहाइड्रेशन का संकेत है।
याद रखें: प्यास लगने से पहले ही पानी पीना शुरू कर दें। प्यास लगना पहले से ही डिहाइड्रेशन का प्रारंभिक संकेत है।
डिहाइड्रेशन के लिए घरेलू उपचार
हल्के डिहाइड्रेशन के लिए निम्नलिखित घरेलू उपाय प्रभावी हो सकते हैं:
1. नारियल पानी
नारियल पानी प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट्स (पोटैशियम, सोडियम) से भरपूर होता है जो डिहाइड्रेशन दूर करने में बहुत प्रभावी है।
2. छाछ (Buttermilk)
एक गिलास छाछ में भुना जीरा पाउडर और काला नमक मिलाकर पीने से शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है और डिहाइड्रेशन दूर होता है।
3. लस्सी
दही से बनी लस्सी में नमक और भुना जीरा मिलाकर पीने से शरीर को ठंडक मिलती है और पानी की कमी दूर होती है।
4. नींबू पानी
एक गिलास पानी में नींबू का रस, चीनी और नमक मिलाकर पीने से डिहाइड्रेशन दूर होता है। यह घर का बना ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन है।
5. फलों का रस
तरबूज, संतरा, मौसमी, अनानास आदि के रस में पानी और थोड़ा नमक मिलाकर पीने से डिहाइड्रेशन दूर होता है।
6. सूप
सब्जियों का सूप या दाल का पानी पीने से शरीर को पोषक तत्व और तरल पदार्थ दोनों मिलते हैं।
7. ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट (ORS)
एक लीटर साफ पानी में 6 छोटे चम्मच चीनी और आधा छोटा चम्मच नमक मिलाकर ORS घोल बनाया जा सकता है। यह डिहाइड्रेशन दूर करने का सबसे प्रभावी तरीका है।
डिहाइड्रेशन से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. क्या डिहाइड्रेशन से मृत्यु हो सकती है?
हाँ, गंभीर डिहाइड्रेशन जानलेवा हो सकता है, विशेष
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