एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR): 21वीं सदी का प्रमुख स्वास्थ्य संकट
मुख्य बिंदु: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) वैश्विक स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और विकास के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक है। यदि तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो 2050 तक AMR से प्रतिवर्ष 1 करोड़ लोगों की मौत हो सकती है, जो कैंसर से होने वाली मौतों से भी अधिक है।

एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) क्या है?
एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) तब होता है जब बैक्टीरिया, वायरस, फंगी और परजीवी समय के साथ बदल जाते हैं और एंटीबायोटिक्स, एंटीवायरल, एंटिफंगल और एंटीपैरासिटिक दवाओं के प्रभाव का विरोध करने में सक्षम हो जाते हैं। इससे सामान्य संक्रमणों का इलाज करना मुश्किल या असंभव हो जाता है, जिससे गंभीर बीमारी, अस्पताल में लंबे समय तक रहना और मृत्यु दर में वृद्धि होती है।
AMR के प्रमुख प्रकार
- एंटीबायोटिक प्रतिरोध: बैक्टीरिया द्वारा एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित करना
- एंटीवायरल प्रतिरोध: वायरस द्वारा एंटीवायरल दवाओं के प्रति प्रतिरोध
- एंटिफंगल प्रतिरोध: फंगल संक्रमणों में एंटिफंगल दवाओं का असर कम होना
- एंटीपैरासिटिक प्रतिरोध: मलेरिया जैसे परजीवी रोगों में दवाओं का असर न होना
AMR के वैश्विक प्रभाव: चौंकाने वाले आंकड़े
पैरामीटर | वर्तमान स्थिति | 2030/2050 का अनुमान |
---|---|---|
AMR से वार्षिक मौतें | 12.7 लाख (2021) | 1 करोड़ (2050 तक) |
आर्थिक प्रभाव | $1 ट्रिलियन वार्षिक स्वास्थ्य लागत | $3.4 ट्रिलियन वार्षिक (2030 तक) |
सर्जिकल प्रक्रियाओं पर जोखिम | 40% सर्जरी जोखिम भरी | 50% से अधिक (2050 तक) |
तथ्य: भारत AMR के मामले में विशेष रूप से संवेदनशील देशों में से एक है। ICMR के 2021 के अध्ययन में पाया गया कि भारत में 70% से अधिक रोगी एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरिया से संक्रमित थे।
AMR के प्रमुख कारण
1. एंटीमाइक्रोबियल दवाओं का अत्यधिक और गलत उपयोग
मानव स्वास्थ्य, पशुधन और कृषि में एंटीबायोटिक्स का अंधाधुंध उपयोग AMR का प्रमुख कारण है। विशेष रूप से:
- वायरल संक्रमण (जैसे सर्दी-जुकाम) में एंटीबायोटिक्स का उपयोग
- पूर्ण चिकित्सकीय कोर्स न लेना
- पशुधन में विकास प्रमोटर के रूप में एंटीबायोटिक्स का उपयोग
2. स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण की कमी
खराब स्वच्छता स्थितियां और अस्पतालों में संक्रमण नियंत्रण उपायों का अभाव प्रतिरोधी रोगाणुओं के प्रसार को बढ़ावा देता है।
3. नई दवाओं का अभाव
पिछले 30 वर्षों में बहुत कम नए एंटीबायोटिक्स विकसित किए गए हैं, जबकि प्रतिरोधी रोगाणु तेजी से विकसित हो रहे हैं।
AMR से निपटने के लिए वैश्विक रणनीतियाँ
1. "एक स्वास्थ्य" दृष्टिकोण
WHO, FAO और OIE द्वारा प्रस्तावित यह दृष्टिकोण मानव स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य और पर्यावरण को एक साथ जोड़कर AMR से लड़ने की रणनीति बनाता है।
2. राष्ट्रीय कार्य योजनाएँ
भारत सहित 100 से अधिक देशों ने AMR से निपटने के लिए राष्ट्रीय कार्य योजनाएँ विकसित की हैं, जिनमें शामिल हैं:
- एंटीबायोटिक्स के उपयोग पर निगरानी
- जन जागरूकता अभियान
- अस्पताल संक्रमण नियंत्रण कार्यक्रम
3. नवीन अनुसंधान और विकास
नई एंटीमाइक्रोबियल दवाओं, टीकों और नैदानिक उपकरणों के विकास को प्रोत्साहित करना। G20 देशों ने AMR अनुसंधान के लिए फंडिंग बढ़ाने का संकल्प लिया है।
आम जनता AMR से लड़ने में कैसे मदद कर सकती है?
AMR के खिलाफ आपकी भूमिका: हर व्यक्ति एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध को रोकने में योगदान दे सकता है। यहाँ कुछ प्रमुख उपाय दिए गए हैं:
1. एंटीबायोटिक्स का विवेकपूर्ण उपयोग
- केवल डॉक्टर द्वारा निर्धारित एंटीबायोटिक्स लें
- वायरल संक्रमण (जैसे सर्दी-जुकाम) में एंटीबायोटिक्स न मांगें
- निर्धारित कोर्स पूरा करें, भले ही आप बेहतर महसूस करने लगें
2. संक्रमण की रोकथाम
- नियमित हाथ धोना
- टीकाकरण करवाना (जैसे फ्लू वैक्सीन)
- खाद्य सुरक्षा का पालन
3. जागरूकता फैलाना
अपने समुदाय में AMR के बारे में जागरूकता बढ़ाएं और एंटीबायोटिक्स के जिम्मेदार उपयोग को प्रोत्साहित करें।
भारत में AMR की स्थिति और सरकारी पहल
भारत ने 2017 में अपनी राष्ट्रीय AMR कार्य योजना लॉन्च की, जिसमें निम्नलिखित प्रमुख बिंदु शामिल हैं:
1. रेड लाइन अभियान
यह अभियान जनता को यह समझने में मदद करता है कि किन दवाओं को बिना डॉक्टर के पर्चे के नहीं खरीदा जाना चाहिए (रेड लाइन से चिह्नित)।
2. AMR निगरानी नेटवर्क
ICMR ने 30 से अधिक प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क स्थापित किया है जो प्रतिरोधी संक्रमणों पर नजर रखता है।
3. अस्पताल संक्रमण नियंत्रण दिशानिर्देश
सभी अस्पतालों के लिए संक्रमण नियंत्रण प्रोटोकॉल अनिवार्य किए गए हैं।
निष्कर्ष: AMR से लड़ने के लिए सामूहिक कार्रवाई आवश्यक
एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध एक जटिल वैश्विक समस्या है जिसका कोई एक समाधान नहीं है। सरकारों, स्वास्थ्य पेशेवरों, कृषि क्षेत्र, फार्मास्युटिकल उद्योग और आम जनता को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। यदि अब कार्रवाई नहीं की गई, तो हम एक ऐसे भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं जहां सामान्य संक्रमण और छोटी चोटें फिर से जानलेवा हो सकती हैं।
आशावादी नोट: संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि AMR से निपटने के लिए अभी उठाए गए कदम 2050 तक 3 लाख से अधिक जानें बचा सकते हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को $1 ट्रिलियन से अधिक का लाभ पहुंचा सकते हैं।
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