जर्मनी में चीनी-मीठे पेय कर: अरबों यूरो की बचत और स्वास्थ्य में भारी सुधार का अवसर
मुख्य विचार: जर्मनी, यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती का सामना कर रहा है - बढ़ता मोटापा और मधुमेह। हाल के शोध बताते हैं कि चीनी से मीठे किए गए पेय पदार्थों (SSBs) पर एक लक्षित कर लगाना एक शक्तिशाली हथियार हो सकता है। यह न केवल लाखों लोगों को इन बीमारियों से बचा सकता है बल्कि स्वास्थ्य देखभाल और आर्थिक उत्पादकता में अरबों यूरो की बचत भी कर सकता है। यह लेख इस नीति के संभावित प्रभाव, अंतरराष्ट्रीय सबक और जर्मनी के लिए इसके निहितार्थों की गहराई से जांच करता है।
समस्या की भयावहता: जर्मनी में मोटापा और मधुमेह
जर्मनी में मोटापा (ओबेसिटी) और मधुमेह (डायबिटीज) महामारी के स्तर तक पहुँच चुके हैं:
- मोटापा दर: वयस्क आबादी का लगभग 67% अधिक वजन (ओवरवेट) या मोटापे (ओबेस) से ग्रस्त है। बच्चों और किशोरों में यह दर लगभग 15% है और चिंताजनक रूप से बढ़ रही है।
- मधुमेह का बोझ: अनुमानित 8-9 मिलियन जर्मन नागरिक (लगभग 11% आबादी) मधुमेह से पीड़ित हैं, जिनमें से अधिकांश टाइप 2 डायबिटीज हैं, जो अक्सर जीवनशैली कारकों जैसे खराब आहार और कम शारीरिक गतिविधि से जुड़ा होता है।
- चीनी-मीठे पेय (SSBs) की भूमिका: कोला, लेमनेड, एनर्जी ड्रिंक्स, मीठी चाय और फलों के पेय (100% जूस को छोड़कर) जैसे पेय पदार्थ अतिरिक्त चीनी के प्रमुख स्रोत हैं। एक सामान्य डिब्बा कोला (330ml) में लगभग 35 ग्राम (7 चम्मच) चीनी होती है, जो वयस्कों के लिए WHO की अनुशंसित दैनिक अधिकतम सीमा (25g) से भी अधिक है! ये पेय कैलोरी में तो उच्च होते हैं, लेकिन पोषक तत्वों में बेहद कम (खाली कैलोरी), और इनका सेवन वजन बढ़ाने, इंसुलिन प्रतिरोध और टाइप 2 मधुमेह के जोखिम में सीधे योगदान देता है।
स्वास्थ्य संकेतक | जर्मनी में वर्तमान स्थिति | SSBs का योगदान |
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वयस्क मोटापा दर | ~24% (और बढ़ रही है) | उच्च चीनी सेवन से कैलोरी अधिकता और वजन बढ़ना |
बचपन का मोटापा/अधिक वजन | ~15% | बच्चों और किशोरों में SSBs का सेवन विशेष रूप से अधिक |
टाइप 2 मधुमेह प्रसार | ~11% आबादी (~8-9 मिलियन) | नियमित SSBs सेवन जोखिम में 20-25% तक वृद्धि करता है |
दंत क्षय (दांतों की सड़न) | एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता | SSBs में चीनी बैक्टीरिया के लिए ईंधन है, जो एसिड पैदा करते हैं जो इनेमल को नष्ट करते हैं |
हृदय रोग जोखिम | मृत्यु का प्रमुख कारण | उच्च SSBs सेवन मोटापे, मधुमेह और उच्च ट्राइग्लिसराइड्स से जुड़ा, जो सभी हृदय जोखिम कारक हैं |
स्रोत: रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट (RKI), जर्मन डायबिटीज सोसायटी (DDG), विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
चीनी-मीठे पेय कर (SSB Tax) क्या है और यह कैसे काम करता है?
एक चीनी-मीठा पेय कर (SSB Tax) एक विशिष्ट उत्पाद शुल्क है जो चीनी से मीठे किए गए पेय पदार्थों के उत्पादन, वितरण या बिक्री पर लगाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य है:
- मूल्य बढ़ाना: कर लगने से इन पेयों की खुदरा कीमत बढ़ जाती है।
- मांग कम करना: उच्च कीमतें उपभोक्ताओं (विशेषकर कीमत-संवेदनशील समूहों जैसे युवा और कम आय वाले परिवारों) को कम मात्रा में खरीदने या विकल्पों (जैसे पानी, बिना मीठी चाय/कॉफी) की तरफ मोड़ती हैं।
- उद्योग को प्रोत्साहित करना: कर से बचने के लिए, निर्माता अपने उत्पादों में चीनी की मात्रा कम कर सकते हैं या कम चीनी/बिना चीनी वाले विकल्पों को बढ़ावा दे सकते हैं।
कर को अक्सर प्रति लीटर या प्रति ग्राम चीनी के हिसाब से लगाया जाता है। कुछ मॉडल "टियर्ड" होते हैं, जहां उच्च चीनी सामग्री वाले पेय पर अधिक कर लगता है।
अंतरराष्ट्रीय सफलताएँ: SSB कर काम करते हैं!
कई देशों ने SSB कर लागू किए हैं और सकारात्मक परिणाम देखे हैं:
- यूनाइटेड किंगडम (UK): 2018 में लागू किया गया टियर्ड कर (चीनी की मात्रा के आधार पर)। परिणाम? बिक्री में 35 मिलियन किलोग्राम चीनी की कमी आई। निर्माताओं ने बड़े पैमाने पर अपने उत्पादों को रीफॉर्म्युलेट किया, औसत चीनी सामग्री में 34.3% की गिरावट आई। सबसे अधिक चीनी वाले पेयों की बिक्री में लगभग 50% की गिरावट आई।
- मेक्सिको: 2014 में प्रति लीटर कर लागू किया गया। कर लागू होने के दो साल बाद तक, SSBs की खरीद में 7.6% की गिरावट आई, और सबसे गरीब परिवारों में यह गिरावट 11.7% तक थी। पानी और बिना मीठे पेय की खरीद में वृद्धि हुई।
- फिलीपींस, पुर्तगाल, साउथ अफ्रीका, नॉर्वे, फ्रांस, बेल्जियम, आयरलैंड: इन देशों ने भी SSB कर लागू किए हैं और उपभोग में कमी और/या उत्पाद सुधार के प्रारंभिक संकेत दिखाए हैं।
महत्वपूर्ण सबक: ये अंतरराष्ट्रीय उदाहरण स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि अच्छी तरह से डिजाइन किया गया SSB कर उपभोग को कम करने, उद्योग को उत्पादों में चीनी कम करने के लिए प्रेरित करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाने में प्रभावी है।
जर्मनी के लिए संभावित लाभ: अरबों की बचत, लाखों का स्वास्थ्य लाभ
जर्मनी में SSB कर लागू करने के संभावित प्रभावों पर किए गए मॉडलिंग अध्ययन (जैसे कि विभिन्न शोध संस्थानों और स्वास्थ्य अर्थशास्त्रियों द्वारा) चौंकाने वाले लाभों की ओर इशारा करते हैं:
1. स्वास्थ्य लाभ: बीमारियों में भारी कमी
- मोटापे में कमी: एक प्रभावी कर से दस वर्षों में लाखों मोटापे (ओबेसिटी) के मामलों को रोका जा सकता है। यह विशेष रूप से युवा आबादी और सामाजिक-आर्थिक रूप से कमजोर समूहों के लिए महत्वपूर्ण है, जहां SSB का सेवन और मोटापे का प्रसार अक्सर अधिक होता है।
- मधुमेह की रोकथाम: SSB सेवन में कमी सीधे टाइप 2 मधुमेह के नए मामलों में कमी ला सकती है। अनुमान बताते हैं कि दस साल की अवधि में करोड़ों नए मधुमेह के मामलों को टाला जा सकता है। यह न केवल व्यक्तिगत पीड़ा को कम करता है बल्कि जटिलताओं (जैसे अंधापन, गुर्दे की विफलता, अंग विच्छेदन) को भी रोकता है।
- दंत स्वास्थ्य में सुधार: चीनी दंत क्षय (कैविटीज) का प्रमुख कारण है। SSB सेवन में कमी से, विशेष रूप से बच्चों और किशोरों में, दांतों की सड़न और उपचार की आवश्यकता में उल्लेखनीय कमी आएगी।
- हृदय रोग और स्ट्रोक का जोखिम कम होना: मोटापे और मधुमेह में कमी, और चीनी के सेवन में सीधी गिरावट, उच्च रक्तचाप और अस्वास्थ्यकर रक्त वसा के स्तर के जोखिम को कम करेगी, जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थितियों की घटनाओं में कमी आएगी।
2. आर्थिक लाभ: अरबों यूरो की बचत
स्वास्थ्य लाभ सीधे तौर पर जर्मनी की अर्थव्यवस्था और राजकोष पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं:
- स्वास्थ्य देखभाल लागत में बचत: मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग और दंत समस्याओं के इलाज की लागत बहुत अधिक है। SSB कर से प्रेरित बीमारियों में कमी का मतलब है इन स्थितियों के निदान, उपचार और दीर्घकालिक प्रबंधन पर होने वाले खर्च में भारी कमी। अनुमानों से पता चलता है कि 10-20 वर्षों में यह बचत अरबों यूरो तक पहुँच सकती है। ये बचतें सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा प्रणाली और निजी खर्च करने वालों दोनों को राहत देगी।
- उत्पादकता लाभ: स्वस्थ आबादी अधिक उत्पादक होती है। मोटापे और मधुमेह से जुड़ी बीमारियों की छुट्टियाँ (अक्सर लंबी होती हैं), विकलांगता और अकाल मृत्यु में कमी का मतलब कार्यबल की उत्पादकता में वृद्धि और काम से अनुपस्थिति में कमी होगी। यह व्यवसायों और समग्र अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा आर्थिक लाभ है।
- कर राजस्व: SSB कर सीधे तौर पर सरकार को महत्वपूर्ण राजस्व प्रदान करेगा। जबकि उपभोग में कमी से लंबे समय में यह राजस्व कम हो सकता है (एक वांछित परिणाम, क्योंकि इसका मतलब है कम सेवन), शुरुआती वर्षों में यह राजस्व काफी होगा। इस अतिरिक्त धन को सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों (जैसे बच्चों के खेल के मैदान, पोषण शिक्षा, स्कूल के भोजन कार्यक्रम), स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को मजबूत करने, या अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में निवेश करने के लिए निर्देशित किया जा सकता है, जिससे इस नीति का समग्र लाभ और बढ़ जाता है।
लाभ का क्षेत्र | अनुमानित प्रभाव (10-20 वर्षों में) | मुख्य कारण |
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स्वास्थ्य देखभाल लागत बचत | अरबों यूरो (अध्ययनों के आधार पर) | मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग, दंत समस्याओं के कम मामले और जटिलताएं |
उत्पादकता लाभ | अरबों यूरो | बीमारी के कारण काम से अनुपस्थिति में कमी, विकलांगता में कमी, कार्यबल की उत्पादकता में वृद्धि |
प्रत्यक्ष कर राजस्व (प्रारंभिक वर्ष) | सैकड़ों मिलियन से अरबों यूरो प्रति वर्ष | SSB की बिक्री पर कर |
मोटापे के मामले रोके गए | लाखों | चीनी और कैलोरी सेवन में कमी |
टाइप 2 मधुमेह के नए मामले रोके गए | करोड़ों | मोटापे में कमी और चीनी/इंसुलिन प्रतिरोध पर सीधा प्रभाव |
दंत उपचार की आवश्यकता में कमी | लाखों मामले | चीनी के सेवन में कमी, विशेष रूप से बच्चों और किशोरों में |
स्रोत: विभिन्न स्वास्थ्य आर्थिक मॉडलिंग अध्ययनों पर आधारित (जर्मन और अंतरराष्ट्रीय)
संभावित चुनौतियाँ और उनका समाधान
हालांकि लाभ प्रभावशाली हैं, SSB कर के कार्यान्वयन के सामने कुछ चुनौतियाँ हैं:
1. प्रतिगामी प्रभाव (Regressive Effect) का डर
चिंता: चूंकि कर उत्पाद की कीमत बढ़ाता है, यह कम आय वाले परिवारों के बजट पर अधिक अनुपात में बोझ डाल सकता है, क्योंकि वे अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा SSB जैसे वस्तुओं पर खर्च करते हैं।
जवाब/समाधान: * स्वास्थ्य लाभ अधिक प्रतिगामी: कम आय वाले समूहों में मोटापा और मधुमेह का प्रसार अक्सर अधिक होता है। SSB कर से होने वाले स्वास्थ्य लाभ और स्वास्थ्य देखभाल लागत में बचत इन समूहों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगी, जो संभावित रूप से वित्तीय बोझ से अधिक होगी। * राजस्व का लक्षित पुनर्निवेश: कर से प्राप्त राजस्व को विशेष रूप से कम आय वाले समुदायों में लाभ पहुंचाने वाली पहलों में निवेश किया जा सकता है, जैसे कि स्कूलों में मुफ्त पानी की सुविधा, फलों/सब्जियों के लिए सब्सिडी, पोषण शिक्षा कार्यक्रम, या सार्वजनिक मनोरंजन सुविधाओं में सुधार। * स्वस्थ विकल्पों को सस्ता बनाना: नीतियाँ जो पानी की उपलब्धता बढ़ाती हैं और स्कूलों/सार्वजनिक स्थानों पर स्वस्थ पेय को प्रोत्साहित करती हैं, संक्रमण को सहायता प्रदान कर सकती हैं।
2. उद्योग विरोध और नौकरियों की हानि का दावा
चिंता: शीतल पेय उद्योग तर्क दे सकता है कि कर से बिक्री में गिरावट आएगी, जिससे उद्योग में नौकरी कम हो सकती है और छोटे खुदरा विक्रेताओं (जैसे कोने की दुकानें) को नुकसान हो सकता है। वे "नैनी स्टेट" (Nanny State) की आलोचना भी कर सकते हैं।
जवाब/समाधान: * व्यवहारिक अनुभव: यूके और मेक्सिको जैसे देशों में, SSB कर ने समग्र पेय उद्योग में महत्वपूर्ण नौकरी के नुकसान का कारण नहीं बनाया है। उपभोक्ता अक्सर अन्य पेय (पानी, बिना मीठा दूध, कम चीनी वाले विकल्प) की ओर स्विच करते हैं, जिससे उन क्षेत्रों में गतिविधि बदल जाती है। * उत्पाद सुधार: जैसा कि यूके में देखा गया, कर उद्योग को नवाचार करने और कम चीनी वाले या बिना चीनी वाले विकल्पों को बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है, जिससे बिक्री बनाए रखने में मदद मिल सकती है। * सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राथमिकता: स्वास्थ्य देखभाल लागत और उत्पादकता हानि के विशाल सामाजिक-आर्थिक बोझ के मुकाबले में, उद्योग के हितों को सार्वजनिक स्वास्थ्य के पीछे रखा जाना चाहिए। कर से होने वाली स्वास्थ्य बचतें अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों को लाभान्वित कर सकती हैं।
3. कर डिजाइन की जटिलता
चिंता: कर को कैसे डिजाइन किया जाए? क्या इसे प्रति लीटर लगाया जाए या चीनी की मात्रा (ग्राम) के आधार पर? क्या फलों के रस शामिल हों? कृत्रिम मिठास वाले पेयों का क्या होगा?
जवाब/समाधान: * चीनी-सामग्री आधारित (टियर्ड) कर सबसे अच्छा: सबसे प्रभावी मॉडल प्रति ग्राम चीनी या चीनी सामग्री के स्तर (टियर) पर आधारित कर लगाना प्रतीत होता है (जैसा कि यूके में है)। यह उपभोक्ताओं को कम चीनी वाले विकल्पों की ओर मोड़ने और निर्माताओं को चीनी कम करने के लिए एक मजबूत प्रोत्साहन देता है। * स्पष्ट परिभाषा: "चीनी-मीठे पेय" की एक स्पष्ट परिभाषा आवश्यक है। आम सहमति 100% फलों के रस को बाहर करने पर है, लेकिन उच्च चीनी वाले फलों के पेय, स्पोर्ट्स ड्रिंक्स, मीठी चाय और कॉफी-आधारित पेयों को शामिल करना चाहिए। कृत्रिम मिठास वाले डाइट पेयों को शामिल करना या न करना एक नीतिगत विकल्प है; कुद तर्क देते हैं कि वे SSB का विकल्प हैं, दूसरों को उनके दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभावों पर चिंता है। * कर दर: दर पर्याप्त उच्च होनी चाहिए ताकि कीमत में पर्याप्त वृद्धि हो और उपभोग पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़े (आमतौर पर बिक्री मूल्य का 10-20% या प्रति लीटर कुछ सेंट/यूरो सेंट)।
जर्मनी के लिए अनुशंसित रास्ता
जर्मनी के लिए एक प्रभावी और न्यायसंगत SSB कर लागू करने के लिए:
- टियर्ड चीनी-सामग्री आधारित कर को अपनाएं: प्रति 100ml चीनी की ग्राम मात्रा के आधार पर कर लगाएं। उदाहरण: 5g/100ml से कम: कोई कर नहीं; 5-8g/100ml: मध्यम दर; 8g/100ml से अधिक: उच्च दर। यह सबसे खराब अपराधियों को लक्षित करता है और सुधार को प्रोत्साहित करता है।
- व्यापक परिभाषा: सभी चीनी-मीठे कार्बोनेटेड और नॉन-कार्बोनेटेड पेय, फ्लेवर्ड मिल्क ड्रिंक (उच्च चीनी वाले), स्पोर्ट्स ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक, मीठी चाय/कॉफी पेय और फलों के पेय (100% जूस को छोड़कर) शामिल करें। कृत्रिम मिठास वाले डाइट पेयों पर प्रारंभ में कर न लगाएं, लेकिन उनके उपयोग और स्वास्थ्य प्रभावों पर नजर रखें।
- पर्याप्त कर दर निर्धारित करें: कीमत में न्यूनतम 10-20% की वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए दर निर्धारित करें। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सिफारिश के अनुरूप।
- राजस्व का रणनीतिक पुनर्निवेश: कर से प्राप्त राजस्व को स्पष्ट रूप से इनमें निवेश करें:
- बचपन के मोटापे की रोकथाम कार्यक्रम (स्कूलों में पोषण शिक्षा, शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा)।
- कम आय वाले समुदायों में स्वस्थ भोजन की पहुंच बढ़ाना (फल/सब्जी सब्सिडी, सामुदायिक उद्यान)।
- स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर मुफ्त पीने के पानी की सुविधा में सुधार।
- सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियान जो SSB के जोखिमों और स्वस्थ विकल्पों के बारे में जागरूकता बढ़ाते हैं।
- स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को मजबूत करना, विशेषकर मधुमेय और मोटापे के प्रबंधन के लिए।
- सख्त निगरानी और मूल्यांकन: कर के प्रभाव की निगरानी के लिए एक स्पष्ट ढांचा स्थापित करें: SSB की बिक्री, उपभोक्ता खरीद व्यवहार, उत्पाद सुधार (चीनी सामग्री), स्वास्थ्य परिणामों (मोटापा/मधुमेह दर) के संकेतकों और राजस्व संग्रह पर नज़र रखें। नीति को आवश्यकतानुसार समायोजित करें।
- जन स्वास्थ्य अभियान: कर लागू करने से पहले और उसके दौरान, कर के उद्देश्य (स्वास्थ्य में सुधार, बीमारियों की रोकथाम, स्वास्थ्य लागत कम करना) और स्वस्थ विकल्पों के बारे में जनता को सूचित करने के लिए एक मजबूत संचार अभियान चलाएं।
निष्कर्ष: स्वस्थ भविष्य के लिए एक साहसिक कदम
जर्मनी के सामने मोटापे और मधुमेह की बढ़ती लहर एक गंभीर आर्थिक और सामाजिक चुनौती है। चीनी-मीठे पेय इन महामारियों में एक प्रमुख योगदानकर्ता हैं। अंतरराष्ट्रीय साक्ष्य असंदिग्
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