परिचय: मोटापा और आनुवंशिकी
मोटापा आधुनिक दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक बन गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 1975 के बाद से दुनिया भर में मोटापे की दर लगभग तीन गुना हो गई है। 2016 में, 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के 1.9 बिलियन से अधिक वयस्क अधिक वजन वाले थे, जिनमें से 650 मिलियन मोटापे से ग्रस्त थे। भारत में भी स्थिति चिंताजनक है, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (2019-21) के अनुसार देश में 15.6% पुरुष और 24% महिलाएं मोटापे से ग्रस्त हैं।
मोटापे के पीछे आमतौर पर अस्वास्थ्यकर आहार, शारीरिक निष्क्रियता और अनियमित जीवनशैली को जिम्मेदार ठहराया जाता है। हालांकि, वैज्ञानिक लंबे समय से इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि आनुवंशिक कारक मोटापे में क्या भूमिका निभाते हैं। हाल ही में हुए एक महत्वपूर्ण शोध में पता चला है कि एक दुर्लभ उत्परिवर्तित जीन (GPR75) मोटापे से सुरक्षा प्रदान कर सकता है। यह जीन केवल 4% लोगों में पाया जाता है, लेकिन इसकी खोज मोटापे के इलाज के लिए नई दवाओं के विकास का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
वैज्ञानिक शोध: क्या कहती है स्टडी?
यह महत्वपूर्ण शोध 'साइंस' जर्नल में प्रकाशित हुआ है, जिसमें 600,000 से अधिक लोगों के जेनेटिक डेटा का विश्लेषण किया गया। अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों में GPR75 जीन उत्परिवर्तित (mutated) था, उनका वजन औसतन 5.3 किलोग्राम कम था और मोटापे से ग्रस्त होने की संभावना 54% तक कम थी।
शोध दल ने चूहों पर प्रयोग करके इस जीन की भूमिका की और पड़ताल की। जिन चूहों में GPR75 जीन को निष्क्रिय (knock out) किया गया था, उन्हें उच्च वसा वाले आहार दिए जाने के बावजूद उनका वजन केवल आधी दर से बढ़ा, जबकि सामान्य जीन वाले चूहों का वजन तेजी से बढ़ा। इससे पता चलता है कि यह जीन वजन नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
GPR75 जीन कैसे काम करता है?
GPR75 एक G-प्रोटीन युग्मित रिसेप्टर (GPCR) है जो मस्तिष्क सहित विभिन्न ऊतकों में व्यक्त होता है। यह शरीर के ऊर्जा संतुलन और चयापचय (metabolism) को विनियमित करने में शामिल माना जाता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह जीन इंसुलिन संवेदनशीलता और भूख नियंत्रण को प्रभावित करके वजन नियंत्रण में योगदान देता है।
"यह खोज मोटापे के उपचार के लिए एक नया लक्ष्य प्रदान करती है। GPR75 को अवरुद्ध करने वाली दवाएं मोटापे और इससे जुड़े代谢 रोगों के इलाज में नई आशा ला सकती हैं।" - शोध अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता
मोटापे पर जीन के प्रभाव: विस्तृत विश्लेषण
मोटापा एक जटिल स्थिति है जो आनुवंशिक, व्यवहारिक, metabolic और पर्यावरणीय कारकों के संयोजन से उत्पन्न होती है। अब तक, 50 से अधिक जीन variants की पहचान की गई है जो मोटापे के predisposition में योगदान करते हैं, लेकिन उनमें से अधिकांश का effect size छोटा होता है। GPR75 variant इस मामले में अनोखा है क्योंकि इसका प्रभाव काफी बड़ा है।
आनुवंशिकी और मोटापा: महत्वपूर्ण तथ्य
वैज्ञानिक अध्ययन बताते हैं कि मोटापे में आनुवंशिकता 40-70% तक योगदान कर सकती है। इसका मतलब यह नहीं है कि जीन नियति निर्धारित करते हैं, बल्कि यह कि कुछ लोग genetic predisposition के कारण मोटापे के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। FTO (fat mass and obesity-associated) जीन मोटापे से जुड़ा सबसे well-studied जीन है, लेकिन GPR75 की खोज इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है।
मोटापे के इलाज में संभावित applications
GPR75 जीन की खोज मोटापे के pharmacological treatment के लिए एक नया target प्रदान करती है। शोधकर्ताओं का मानना है कि इस जीन के कार्य को अवरुद्ध करने वाली दवाएं वजन घटाने में मददगार साबित हो सकती हैं। कई pharmaceutical companies पहले से ही GPR75 को target करने वाली दवाओं के विकास पर काम कर रही हैं।
भविष्य की संभावनाएं
यदि GPR75-अवरोधक दवाओं का सफलतापूर्वक विकास होता है, तो ये मोटापे के इलाज में क्रांति ला सकती हैं। हालांकि, किसी भी नई दवा के विकास में कई साल लग सकते हैं, क्योंकि इसे clinical trials के multiple phases से गुजरना होगा ताकि इसकी safety और efficacy सुनिश्चित की जा सके।
विशेषज्ञों का मानना है कि GPR75 को लक्षित करने वाली दवाएं मौजूदा वजन घटाने की दवाओं की तुलना में अधिक प्रभावी हो सकती हैं, क्योंकि ये शरीर के वजन नियंत्रण तंत्र के मूल कारणों पर काम करती हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
वर्तमान में, इस जीन के बारे में जानकारी का सीधा उपयोग वजन घटाने के लिए नहीं किया जा सकता है। हालांकि, यह शोध भविष्य में अधिक प्रभावी उपचार विकसित करने में मदद करेगा। अभी के लिए, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम वजन प्रबंधन का सबसे प्रभावी तरीका बना हुआ है।
हां, genetic testing के माध्यम से यह पता लगाया जा सकता है कि आपमें GPR75 जीन का उत्परिवर्तित variant है या नहीं। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह जीन केवल 4% आबादी में मौजूद है, इसलिए इसके होने की संभावना कम है। genetic testing के फायदे और सीमाओं के बारे में डॉक्टर या genetic counselor से परामर्श करना उचित रहेगा।
नहीं, ऐसा नहीं है। शोध से पता चला है कि इस जीन वाले लोगों में मोटापे का खतरा कम होता है, लेकिन यह immunity प्रदान नहीं करता। अस्वास्थ्यकर आहार और गतिहीन जीवनशैली अभी भी इन individuals में वजन बढ़ा सकती है, हालांकि सामान्य लोगों की तुलना में कम डिग्री में।
बिल्कुल नहीं। मोटापा एक जटिल स्थिति है जो आनुवंशिक, environmental, behavioral और psychological कारकों के interaction से उत्पन्न होती है। आनुवंशिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, लेकिन यह एकमात्र कारक नहीं है। lifestyle choices अभी भी वजन प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
हां, संभावना है। चूंकि मोटापा type 2 diabetes के प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है, इसलिए मोटापे को नियंत्रित करने वाली कोई भी therapy अप्रत्यक्ष रूप से मधुमेह की रोकथाम और प्रबंधन में मदद कर सकती है। शोध में यह भी पाया गया कि GPR75 उत्परिवर्तन वाले लोगों में insulin sensitivity बेहतर थी, जो directly मधुमेह के कम जोखिम से जुड़ी है।
निष्कर्ष: भविष्य की संभावनाएं
GPR75 जीन की खोज मोटापे के अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है। यह न केवल मोटापे के आनुवंशिक आधार की हमारी समझ को गहरा करती है, बल्कि एक नए therapeutic target की पहचान करके भविष्य के उपचारों का मार्ग भी प्रशस्त करती है।
हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि इस खोज के clinical applications में विकसित होने में अभी समय लगेगा। इस बीच, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना मोटापे की रोकथाम और प्रबंधन का सबसे प्रभावी तरीका बना हुआ है। संतुलित आहार, नियमित शारीरिक गतिविधि और पर्याप्त नींद - ये सभी वजन प्रबंधन के महत्वपूर्ण घटक हैं, भले ही आनुवंशिक makeup कुछ भी हो।
वैज्ञानिक शोध जारी है, और भविष्य में हम मोटापे के आनुवंशिक आधार के बारे में और अधिक जानेंगे। GPR75 की खोज निस्संदेह इस क्षेत्र में और अनुसंधान को प्रेरित करेगी, जिससे personalized medicine के युग में मोटापे के उपचार के नए तरीके सामने आ सकते हैं।
संदर्भ और अतिरिक्त पढ़ाई
1. Akbari P, et al. Sequencing of 640,000 exomes identifies GPR75 variants associated with protection against obesity. Science. 2021;373(6550):eabf8683.
2. World Health Organization. Obesity and overweight fact sheet. 2021.
3. National Family Health Survey -5, India (2019-21).
4. Loos RJF, Yeo GSH. The genetics of obesity: from discovery to biology. Nat Rev Genet. 2022;23(2):120-133.
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