रिलायंस जियो: लीडरशिप, मैनेजमेंट, और HR नीतियों की गहन समीक्षा
रिलायंस जियो भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी है, लेकिन इसकी लीडरशिप, मैनेजमेंट, और HR नीतियों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। इस लेख में हम जियो की कथित कमजोर लीडरशिप, खराब HR नीतियों, कर्मचारी उत्पीड़न, और उच्च कर्मचारी टर्नओवर की गहराई से जांच करते हैं। साथ ही, हम एयरटेल और वोडाफोन की HR नीतियों के साथ तुलना करते हैं।
विज्ञापन
जियो की लीडरशिप और मैनेजमेंट: एक अवलोकन
रिलायंस जियो, मुकेश अंबानी के नेतृत्व में, भारत की टेलीकॉम इंडस्ट्री में क्रांति लाई है। 2016 में लॉन्च होने के बाद, जियो ने मुफ्त कॉल और सस्ते डेटा प्लान के साथ बाजार में हलचल मचा दी। मुकेश अंबानी की रणनीति ने जियो को 40% से अधिक मार्केट शेयर दिलाया। हालांकि, कुछ कर्मचारियों और ऑनलाइन समीक्षाओं में जियो की लीडरशिप को कमजोर और अव्यवसायिक बताया गया है।
मुकेश अंबानी की भूमिका
मुकेश अंबानी ने जियो को डिजिटल इंडिया के सपने से जोड़ा है। उनकी रणनीति में कम कीमत पर हाई-स्पीड इंटरनेट और बड़े पैमाने पर फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क शामिल हैं। लेकिन कुछ आलोचकों का कहना है कि उनकी मौनता, खासकर कर्मचारी मुद्दों पर, कंपनी की छवि को नुकसान पहुंचा रही है।
लीडरशिप पर आरोप
कर्मचारियों ने जियो की लीडरशिप पर अव्यवसायिकता और पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया है। उदाहरण के लिए, ग्लासडोर समीक्षाओं में कर्मचारियों ने बताया कि सीनियर मैनेजमेंट अक्सर शिकायतों को नजरअंदाज करता है। यह दावा सत्यापित नहीं है, लेकिन ऐसी शिकायतें कंपनी की कार्य संस्कृति पर सवाल उठाती हैं।
एयरटेल और वोडाफोन के साथ तुलना
एयरटेल, सुनील मित्तल के नेतृत्व में, और वोडाफोन आइडिया अपनी लीडरशिप के लिए बेहतर समीक्षा प्राप्त करते हैं। एयरटेल की रणनीति में कर्मचारी प्रशिक्षण और ग्राहਕ सेवा पर जोर है, जबकि जियो पर अत्यधिक कार्य दबाव की शिकायतें हैं।
विज्ञापन
जियो की HR नीतियां: ताकत और कमजोरियां
जियो की HR नीतियां कर्मचारियों के लिए कई लाभ प्रदान करती हैं, जैसे मेडिकल इंश्योरेंस, लचीले काम के घंटे, और मुफ्त मोबाइल कनेक्शन। हालांकि, अंबिशनबॉक्स पर 24,700+ समीक्षाओं के आधार पर, जियो की सैलरी और लाभ 3.8/5 रेटिंग के साथ औसत हैं। कर्मचारियों ने कम वेतन वृद्धि और खराब कार्य-जीवन संतुलन की शिकायत की है।
कम वेतन वृद्धि और कार्य दबाव
कर्मचारियों ने जियो में 10-12 हजार रुपये की कम सैलरी और 18 घंटे की शिफ्ट की शिकायत की है। जेपीएएम और जेपीएम जैसी भूमिकाओं में कर्मचारियों पर उत्पादकता का भारी दबाव होता है। यह स्थिति कर्मचारी असंतोष का प्रमुख कारण है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
जियो में कर्मचारी टर्नओवर इतना अधिक क्यों है?
जियो में कर्मचारी टर्नओवर के कारणों में कम वेतन वृद्धि, कार्य दबाव, और कथित उत्पीड़न शामिल हैं। हालांकि, यह दावा सत्यापित स्रोतों पर आधारित नहीं है और इसे और जांच की आवश्यकता है।
क्या जियो में जातिवाद की समस्या है?
कुछ कर्मचारियों ने उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्रों में जातिवाद की शिकायतें की हैं, लेकिन ये आरोप सत्यापित नहीं हैं। जियो को ऐसी शिकायतों पर पारदर्शी जांच करनी चाहिए।
विज्ञापन
कोई टिप्पणी नहीं :
एक टिप्पणी भेजें