मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार (बीच में) 17 अगस्त 2025 को नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान। (स्रोत: Getty Images)
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार: पक्षपात के आरोप और विवाद पर प्रकाश
मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति और बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से जुड़े विवादों ने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी है। विपक्ष, खासकर कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), ने चुनाव आयोग पर पक्षपात और "वोट चोरी" के गंभीर आरोप लगाए हैं। इस लेख में हम इन आरोपों, ज्ञानेश कुमार की प्रतिक्रिया, और सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले का विस्तृत विश्लेषण करेंगे।
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ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर विवाद
18 फरवरी 2025 को ज्ञानेश कुमार को भारत का नया मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया। यह नियुक्ति मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यकाल) अधिनियम, 2023 के तहत हुई। इस अधिनियम के अनुसार, एक तीन सदस्यीय समिति, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (अध्यक्ष), गृह मंत्री अमित शाह (कैबिनेट मंत्री), और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी शामिल थे, ने ज्ञानेश कुमार का चयन किया।
[](https://www.indiatvnews.com/news/india/gyanesh-kumar-chief-election-commissioner-appointment-controversy-cec-rahul-gandhi-2025-02-19-976903)हालांकि, इस नियुक्ति ने तुरंत विवाद को जन्म दिया। राहुल गांधी ने चयन समिति की बैठक में आपत्ति जताई, यह तर्क देते हुए कि सुप्रीम कोर्ट में इस कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर 19 फरवरी 2025 को सुनवाई होनी थी। उन्होंने इसे "आधी रात का अपमानजनक निर्णय" करार दिया और अपनी असहमति का नोट साझा किया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार किए बिना जल्दबाजी में यह नियुक्ति की, जो संवैधानिक भावना के खिलाफ है।
[](https://hindi.newsbytesapp.com/news/india/why-gyanesh-kumar-appointment-as-chief-election-commissioner-erupted-controversy-explained/story)[](https://www.abplive.com/news/india/cec-gyanesh-kumar-appointment-controversy-congress-objections-supreme-court-hearing-2886799)कानून में बदलाव और सुप्रीम कोर्ट का रुख
विवाद का मुख्य कारण 2023 में लाया गया नया कानून है, जिसने मुख्य चुनाव आयुक्त की चयन समिति से भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) को हटा दिया और उनकी जगह एक कैबिनेट मंत्री को शामिल किया। मार्च 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि जब तक नया कानून नहीं बनता, तब तक सीईसी और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता, और सीजेआई की समिति द्वारा की जाएगी। केंद्र सरकार ने इस आदेश के बाद नया कानून बनाया, जिसे कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने पक्षपातपूर्ण बताया।
[](https://hindi.newsbytesapp.com/news/india/why-gyanesh-kumar-appointment-as-chief-election-commissioner-erupted-controversy-explained/story)[](https://www.indiatvnews.com/news/india/gyanesh-kumar-chief-election-commissioner-appointment-controversy-cec-rahul-gandhi-2025-02-19-976903)कांग्रेस का कहना है कि सीजेआई को हटाने से चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता कम हुई है, और सरकार का प्रभाव बढ़ गया है। सुप्रीम कोर्ट में इस कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 19 फरवरी 2025 को होनी थी, जिसके ठीक पहले यह नियुक्ति विवाद का केंद्र बन गई।
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बिहार वोटर लिस्ट विवाद: पक्षपात के आरोप
ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति के बाद बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया ने और विवाद को हवा दी। विपक्षी दलों, विशेष रूप से कांग्रेस और आरजेडी, ने आरोप लगाया कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में हेरफेर के जरिए "वोट चोरी" की साजिश रची जा रही है। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने दावा किया कि चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ मिलकर मतदाताओं के अधिकार छीन रहा है।
[](https://www.wionews.com/india-news/-vote-theft-allegations-insult-of-the-constitution-cec-refutes-oppn-s-charge-of-bias-in-bihar-s-sir-1755423718094)[](https://www.deccanherald.com/india/ec-stands-thoroughly-exposed-for-incompetence-bias-congress-as-poll-body-dismisses-vote-theft-charges-3684648)17 अगस्त 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, ज्ञानेश कुमार ने इन आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग सभी राजनीतिक दलों के लिए समान है और एसआईआर प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि 1.6 लाख बूथ-स्तरीय एजेंटों (बीएलए) और सभी दलों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर मतदाता सूची तैयार की गई है। बिना सबूत के लगाए गए आरोपों को उन्होंने संविधान और लोकतंत्र का अपमान बताया।
[](https://hindi.asianetnews.com/national-news/gyanesh-kumar-eci-bihar-sir-vote-chori-allegations-main-points/articleshow-xiobtkh)[](https://www.youtube.com/watch?v=znyHB0VWS14)एसआईआर प्रक्रिया क्या है?
विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मतदाता सूची को शुद्ध करने की एक प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य दोहरे मतदान और गलत प्रविष्टियों को हटाना है। ज्ञानेश कुमार ने बताया कि यह प्रक्रिया 1 जनवरी 2003 के बाद से बिहार में व्यापक रूप से नहीं की गई थी। सभी राजनीतिक दलों की मांग पर शुरू की गई यह प्रक्रिया 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक चलेगी, जिसमें दलों को मतदाता सूची में त्रुटियों की शिकायत दर्ज करने का अवसर दिया गया है।
[](https://hindi.news18.com/news/nation/why-cec-gyanesh-kumar-mention-2019-supreme-court-decision-bihar-sir-controversy-9519292.html)[](https://hindi.oneindia.com/videos/chief-election-commissioner-on-bihar-voter-list-controversy-bihar-voter-list-controversy-4252644.html)उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले के बाद मशीन-पठनीय मतदाता सूची पर रोक लगाई गई थी, क्योंकि यह मतदाताओं की निजता का उल्लंघन कर सकता है।
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ज्ञानेश कुमार की प्रतिक्रिया
ज्ञानेश कुमार ने पक्षपात के आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का कोई सत्ता पक्ष या विपक्ष नहीं है, और सभी दल समान हैं। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या चुनाव आयोग को फर्जी वोटों की अनुमति देनी चाहिए। उनके अनुसार, बिहार में 7 करोड़ से अधिक मतदाता चुनाव आयोग के साथ खड़े हैं, और बिना सबूत के आरोप लगाना मतदाताओं और लोकतंत्र की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है।
[](https://hindi.asianetnews.com/national-news/gyanesh-kumar-eci-bihar-sir-vote-chori-allegations-main-points/articleshow-xiobtkh)[](https://www.wionews.com/india-news/-vote-theft-allegations-insult-of-the-constitution-cec-refutes-oppn-s-charge-of-bias-in-bihar-s-sir-1755423718094)[](https://www.msn.com/en-in/politics/government/should-we-allow-bogus-votes-cec-gyanesh-kumar-asks-opposition/ar-AA1JeYjw)उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि मतदाता सूची की प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए वीडियो प्रशंसापत्र और दस्तावेजीकरण किया जा रहा है। फिर भी, विपक्ष का दावा है कि ये दस्तावेज उनके राष्ट्रीय नेताओं तक नहीं पहुंच रहे, या जानबूझकर भ्रम फैलाया जा रहा है।
[](https://hindi.asianetnews.com/national-news/gyanesh-kumar-eci-bihar-sir-vote-chori-allegations-main-points/articleshow-xiobtkh)राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए इसे "अक्षम" और "पक्षपातपूर्ण" करार दिया। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि राहुल गांधी की बिहार में "वोटर अधिकार यात्रा" के तुरंत बाद चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस इसका जवाब थी। उन्होंने इसे "हास्यास्पद" बताया कि आयोग सत्ताधारी और विपक्षी दलों में कोई भेद नहीं करता।
[](https://www.deccanherald.com/india/ec-stands-thoroughly-exposed-for-incompetence-bias-congress-as-poll-body-dismisses-vote-theft-charges-3684648)तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता साकेत गोखले ने भी सरकार पर तंज कसते हुए गृह मंत्री अमित शाह को "नया मुख्य चुनाव आयुक्त" करार दिया।
[](https://www.indiatvnews.com/news/india/gyanesh-kumar-chief-election-commissioner-appointment-controversy-cec-rahul-gandhi-2025-02-19-976903)[AdSense विज्ञापन यहाँ डालें]
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति से संबंधित कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। 19 फरवरी 2025 को होने वाली सुनवाई में यह तय होगा कि क्या नया कानून संवैधानिक है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सीजेआई को चयन समिति में शामिल करना पारदर्शिता के लिए आवश्यक है। इस सुनवाई का परिणाम न केवल ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति को प्रभावित कर सकता है, बल्कि भविष्य में चुनाव आयोग की स्वतंत्रता पर भी असर डाल सकता है।
[](https://www.indiatvnews.com/news/india/gyanesh-kumar-chief-election-commissioner-appointment-controversy-cec-rahul-gandhi-2025-02-19-976903)[](https://www.abplive.com/news/india/cec-gyanesh-kumar-appointment-controversy-congress-objections-supreme-court-hearing-2886799)संबंधित प्रश्न और उत्तर (FAQ)
1. ज्ञानेश कुमार कौन हैं?
ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। वे गृह मंत्रालय में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं, जिसमें जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को निरस्त करने में उनकी अहम भूमिका थी।
[](https://www.indiatvnews.com/news/india/gyanesh-kumar-chief-election-commissioner-appointment-controversy-cec-rahul-gandhi-2025-02-19-976903)2. ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर विवाद क्यों है?
विपक्ष, खासकर कांग्रेस, ने उनकी नियुक्ति पर आपत्ति जताई है, क्योंकि यह 2023 के नए कानून के तहत हुई, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को चयन समिति से हटा दिया गया। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
[](https://hindi.newsbytesapp.com/news/india/why-gyanesh-kumar-appointment-as-chief-election-commissioner-erupted-controversy-explained/story)3. बिहार वोटर लिस्ट विवाद क्या है?
विपक्ष ने आरोप लगाया है कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के जरिए मतदाता सूची में हेरफेर किया जा रहा है। चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज करते हुए प्रक्रिया को पारदर्शी बताया है।
[](https://hindi.asianetnews.com/national-news/gyanesh-kumar-eci-bihar-sir-vote-chori-allegations-main-points/articleshow-xiobtkh)[](https://www.wionews.com/india-news/-vote-theft-allegations-insult-of-the-constitution-cec-refutes-oppn-s-charge-of-bias-in-bihar-s-sir-1755423718094)4. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या भूमिका निभा सकता है?
सुप्रीम कोर्ट 19 फरवरी 2025 को नए नियुक्ति कानून की वैधता पर सुनवाई करेगा। इसका फैसला चुनाव आयोग की स्वतंत्रता और ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर प्रभाव डाल सकता है।
[](https://www.indiatvnews.com/news/india/gyanesh-kumar-chief-election-commissioner-appointment-controversy-cec-rahul-gandhi-2025-02-19-976903)आंतरिक लिंक
निष्कर्ष
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के आसपास का विवाद भारतीय लोकतंत्र और चुनाव आयोग की स्वतंत्रता पर गहरे सवाल उठाता है। उनकी नियुक्ति और बिहार वोटर लिस्ट विवाद ने सत्ताधारी और विपक्षी दलों के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। सुप्रीम कोर्ट का आगामी फैसला इस मामले में महत्वपूर्ण होगा। क्या यह विवाद केवल राजनीतिक रणनीति है, या यह चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर वास्तविक सवाल उठाता है? यह समय ही बताएगा।
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