मुंह के स्वाब से ग्लूकोमा जेनेटिक टेस्ट: ऑस्ट्रेलिया में क्लिनिकल उपयोग की दिशा में बड़ी उपलब्धि
ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने ग्लूकोमा के लिए एक क्रांतिकारी आनुवंशिक परीक्षण विकसित किया है जो साधारण मुंह के स्वाब से किया जा सकता है। यह नवाचार शीघ्र निदान, सटीक उपचार और नेत्रहीनता की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। जानें यह तकनीक कैसे काम करती है और यह ऑस्ट्रेलियाई स्वास्थ्य प्रणाली को कैसे बदल सकती है।
अंतिम अद्यतन: मई 2025
ग्लूकोमा जेनेटिक टेस्टिंग का भविष्य
ऑस्ट्रेलिया में वैज्ञानिकों ने ग्लूकोमा के लिए एक उन्नत आनुवंशिक परीक्षण प्रणाली विकसित की है जो मरीजों के लिए पूरी तरह से गैर-आक्रामक है। यह परीक्षण सिर्फ मुंह के अंदर से लिए गए स्वाब नमूने के माध्यम से किया जाता है, जो परंपरागत रक्त परीक्षणों की तुलना में कहीं अधिक सुविधाजनक है।
मुख्य तथ्य
● यह परीक्षण 100 से अधिक जेनेटिक मार्करों का विश्लेषण करता है जो ग्लूकोमा के जोखिम से जुड़े हैं
● परिणाम 2-4 सप्ताह में उपलब्ध होते हैं
● सटीकता दर वर्तमान नैदानिक पद्धतियों की तुलना में 85% अधिक है
● परीक्षण की लागत AUD 200-350 के बीच अनुमानित है
ग्लूकोमा जेनेटिक टेस्टिंग: सामान्य प्रश्न
ग्लूकोमा जेनेटिक टेस्ट क्या है?
यह एक अत्याधुनिक नैदानिक उपकरण है जो मानव डीएनए में विशिष्ट आनुवंशिक वेरिएंट का पता लगाकर ग्लूकोमा के विकास के व्यक्तिगत जोखिम का आकलन करता है। यह परीक्षण फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी और मेलबर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित किया गया है।
मुंह के स्वाब परीक्षण के क्या लाभ हैं?
● रक्त नमूने की आवश्यकता नहीं
● घर पर भी नमूना संग्रह संभव
● मरीजों विशेषकर बुजुर्गों के लिए कम तनावपूर्ण
● नमूना संग्रह में केवल 30 सेकंड लगते हैं
● परिवार के सदस्यों में जोखिम आकलन आसान
यह परीक्षण कैसे काम करता है?
मरीज एक विशेष स्वाब को अपने गाल के अंदरूनी भाग पर 30-60 सेकंड तक घुमाता है। यह स्वाब लार और कोशिकाओं को एकत्र करता है जिसमें डीएनए होता है। नमूना प्रयोगशाला में भेजा जाता है जहां जीनोम सिक्वेंसिंग तकनीक के माध्यम से 107 ग्लूकोमा-संबंधित जेनेटिक मार्करों का विश्लेषण किया जाता है।
क्या यह परीक्षण ग्लूकोमा का निदान कर सकता है?
यह परीक्षण स्वयं में नैदानिक नहीं है बल्कि जोखिम आकलन उपकरण के रूप में काम करता है। यह नेत्र चिकित्सकों को उन रोगियों की पहचान करने में सहायता करता है जिनमें ग्लूकोमा विकसित होने की संभावना अधिक है, जिससे वे नियमित नेत्र जांच के लिए प्राथमिकता समूह में आ सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया में इसकी उपलब्धता कब तक होगी?
वर्तमान में यह परीक्षण नैदानिक परीक्षण के चरण में है। शोधकर्ताओं का लक्ष्य है कि 2026 के अंत तक इसे चुनिंदा नेत्र क्लीनिकों में उपलब्ध कराया जाए। पूर्ण रूप से मेडिकल बेनिफिट्स स्कीम (MBS) के तहत शामिल होने में 2028 तक का समय लग सकता है।
यह परीक्षण किसको करवाना चाहिए?
● ग्लूकोमा का पारिवारिक इतिहास
● मधुमेह या उच्च रक्तचाप के रोगी
● 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग
● जिनकी पहले नेत्र शल्य चिकित्सा हुई हो
● जो स्टेरॉयड दवाएं लंबे समय से ले रहे हों
तकनीकी नवाचार और वैज्ञानिक आधार
यह परीक्षण पॉलीजेनिक रिस्क स्कोर (PRS) तकनीक पर आधारित है जो कई जेनेटिक वेरिएंट के संयुक्त प्रभाव का मूल्यांकन करता है। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने यूरोपीय और एशियाई वंश के 15,000 से अधिक व्यक्तियों के जीनोमिक डेटा का विश्लेषण करके इस स्कोरिंग सिस्टम को विकसित किया है।
कैसे परिणाम व्याख्यायित किए जाते हैं?
परिणाम एक संख्यात्मक स्कोर के रूप में प्रस्तुत किए जाते हैं जो जनसंख्या के औसत जोखिम की तुलना में व्यक्तिगत जोखिम को दर्शाता है। स्कोर को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है:
● कम जोखिम: औसत से 60% कम जोखिम
● मध्यम जोखिम: जनसंख्या के समान जोखिम
● उच्च जोखिम: औसत से 3 गुना अधिक जोखिम
रोगी और स्वास्थ्य प्रणाली के लिए लाभ
रोगियों के लिए लाभ
● शीघ्र पूर्व चेतावनी प्रणाली
● व्यक्तिगत निवारण रणनीतियाँ
● कम दर्दनाक नैदानिक प्रक्रियाएँ
● परिवारों में जागरूकता बढ़ाना
स्वास्थ्य प्रणाली के लिए लाभ
● नेत्र संसाधनों का कुशल आवंटन
● उन्नत चिकित्सा परिणाम
● दीर्घकालिक स्वास्थ्य लागत में कमी
● सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति निर्माण में सहायता
वैश्विक संदर्भ में ऑस्ट्रेलियाई नवाचार
ऑस्ट्रेलिया का यह अनुसंधान ग्लोबल ग्लूकोमा जेनेटिक्स कंसोर्टियम के कार्य का हिस्सा है। ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाई है, विशेष रूप से एशियाई आबादी में ग्लूकोमा के जेनेटिक कारकों की पहचान में।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग
इस परियोजना में यूके की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और सिंगापुर नेशनल आई सेंटर के शोधकर्ता भी शामिल हैं। डेटा साझा करने की यह वैश्विक पहल परीक्षण की सटीकता को विविध जनसंख्या समूहों के लिए प्रासंगिक बनाती है।
ग्लूकोमा: त्वरित तथ्य
● ऑस्ट्रेलिया में 300,000 से अधिक लोग ग्लूकोमा से प्रभावित
● विश्व स्तर पर अंधत्व का दूसरा प्रमुख कारण
● 40% रोगियों को बीमारी का पता नहीं चलता
● आयु के साथ जोखिम बढ़ता है (60+ आयु वर्ग में 10 गुना अधिक)
● प्रारंभिक पता लगाने से दृष्टि हानि 95% तक रोकी जा सकती है
अनुसंधान टीमें एवं संस्थान
● फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी, एडिलेड
● यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न
● गार्वन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च
● लायंस आई इंस्टीट्यूट, पर्थ
● ऑस्ट्रेलियन रिसर्च काउंसिल
संबंधित संसाधन
● ग्लूकोमा ऑस्ट्रेलिया सहायता समूह
● नेत्र स्वास्थ्य के लिए राष्ट्रीय रणनीति
● आनुवंशिक परीक्षण नैतिकता दिशानिर्देश
● नेत्र जांच कार्यक्रम अनुसूची
● ऑस्ट्रेलियाई स्वास्थ्य बीमा योजनाएँ
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